कैसा ये इश्क है ??? भाग एक
जब कश्मीर उबल रहा था , हिन्दू पंडितों के दरवाजों पर मुस्लिम समाज का फरमान चस्पा किया जा रहा था , हर परिवार हर व्यक्ति खौफ मे जी रहा था , उस दहशत के माहौल मे हर कोई अपना घर छोडने को मजबूर था , बेबसी और लाचारी हर एक व्यक्ति के आँखो और चेहरे से झलक रही थी, जिसको जो समान मिलता सब समेट कर छिप कर जान बचा कर भागने की तैयारी मे था, जाने कितने लोग जा चुके थे इन दहशतगर्दो ने इतना खौफ मचा रखा था ,कही से कोई मिल जाता या किसी के भी घर से किसी को भी दिनदहाड़े उठा ले जाते थे , कशिश के माँबाप को कशिश की चिन्ता खाये जा रही थी , अभी तक उन लोगो की नजर कशिश पर नही पडी है हमारी बिटिया पर , इससे पहले की कोई अनहोनी हो जाय हमेँ भी यहाँ से निकलना होगा ,कशिश की माँ उमा ने कशिश के बाबा से प्रेम शंकर से कहा , हाँ मै भी यही सोच रहा हूँ कि बच्चों को लेकर यहाँ से कही दूर चले जाय ,जहाँ हमारी बच्ची सुरक्षित रहे ।
तभी तो मैने उसके रूप और रंग को खराब कर दिया कि जिसके करण हमारी बच्ची सुरक्षित रहे और तब तक वो ऐसी ही बदसूरत रहेगी ,और हम अपनी बच्ची को अपने से दूर रखेगे,कही और रहने की व्यवस्था करो ,मै अपनी बेटी के साथ इस तरह डर डर कर और नही रह सकती , फिर जब माहौल सही हो जायेगा तब हम अपने घर वापस आ जायेगे , आखिर हमारा घर यहाँ है और हम अपना घर छोडकर कहाँ जायेगे सरकार को हमारी परेशानी समझनी होगी ।प्रेम शंकर कहते है कि मै तुम्हारा डर समझ रहा हूँ अभी तक मै कुछ भूला नही हूँ , चार साल पहले की घटना याद आती है तो कलेजा छलनी हो जाता है पर मै अपनी किन्शू के साथ ओ सब नही होने दूगाँ, मै कुछ करता हूँ ।अच्छा यहां हमारी किन्शू है कहाँ ? कही दिखाई नही दे रहा है ?
उमा ने कहा - कहाँ जायेगी होगी वही कही नदी के किनारे फूलों के खेतो के पास अपनी सहेली पद्मा के साथ ,और तो कही जाती नही है , पता नही क्या है ऐसा वहाँ जो हमेशा भाग कर वही चली जाती है , यहाँ प्रेम शंकर और उमा बेटी के बारे बात कर रहे थे पर वही कोई ऐसा भी था जो दरवाजे के पिछड़े से छुप कर सारी बाते सुन रहा था, उमा की बात सुनकर प्रेम शंकर ने कहा - उमा तुम क्यो उसके पिछे पडी रहती हो अभी वो बच्ची है उम्र ही क्या है उसकी अभी उसे खेलने दो जब ससुराल चली जायेगी तब तुम ही सबसे अधिक रोओगी ,ये सुनकर उमा एक ही जवाब हमेशा तैयार रहता था , हा हा मै ही तो बस अपने आँसू बहाऊगीतुम तो जरा सा भी आँसू मत बहाना, इधर बेटी के भविष्य के बारे मे सोज सोच कर माँबाप भावुक हुये जा रहे थे , तभी दरवाजे के पिछे से निकल कर ....
क्रमशः